World fight against corona कोरोना के विरुद्ध वैश्विक संघर्ष
नमस्कार मित्रों, जैसा की सर्वविदित है इस समय देश दुनिया कोरोना अर्थात कोविड-19 नामक संक्रामक वायरस से पीड़ित है !
दिसंबर, 2019 मे ही चीन के वुहान प्रांत से जन्मे कोरोना वायरस जो चमगादड़ से उतपन्न माने जाते हैं । कहा जाता है कि बुहान में इंस्टिट्यूट ऑफ़ virology लैब से संक्रमित व्यक्ति के द्वारा वुहान शहर में फैल गए । उसके बाद विश्व के कोने कोने में एयर मार्ग द्वारा जाने वाले व्यक्ति के माध्यम से फैलता गया ।
अब यथास्थिति है क्या संक्रमण वैश्विक स्तर पर पर फैल चुका है ।
उसके कारगर इलाज प्रणाली के विकसित ना होने की वजह से इसका व्यापक प्रसार हो गया है ।
कहा जाता है कि कोरोना वायरस के प्रकृति के बारे में चीन ने समय रहते सच को छुपाया नहीं तो इसका इतना प्रसार ना हो पाता ।
कोरोना अर्थात कोविड-19 वायरस ने अब तक व्यापक मानव क्षति पहुंचाई है । पूरी दुनिया में अब तक लगभग 3000000 लोग कोरोना के संक्रमण जाल में फँस चुके हैं ।
लगभग डेढ़ लाख से अधिक बेगुनाह मौत की नींद सो चुके हैं । मौत भी ऐसी नसीब हुई कि मरने वाले के परिवार के अंतिम दर्शन भी ना हो सकी ।
इसके फैलने की प्रकृति के आधार पर विशेषज्ञ सामाजिक दूरी बनाने के सुझाव दिए हैं । ऐसी गाइडलाइन को मानते हुए समस्त देश लॉकडाउन की पॉलिसी को चला रहे हैं, जब तक कि कोई कारगर इलाज प्रणाली विकसित ना हो जाये ।
वर्तमान में अमेरिका कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है, यहां खड़े हो 1000000 लोग संक्रमित हैं इसके अलावा 50,000 के करीब दुनिया को अलविदा कह चुके हैं । इसके अलावा जर्मनी रूस इटली स्पेन ईरान और भारत भी इसके संक्रामक रडार पर है । राहत की बात यह है कि 1 अरब से अधिक संख्या वाला देश भारत मैं संक्रमण के मामले अपेक्षाकृत कम है इसका मुख्य कारण लॉकडाउन प्रणाली को समय रहते हैं लागू करना है ।
ऐसे में जरा सी भी लापरवाही व्यापक आबादी को संक्रमित कर सकता है, तब यहां संभालना नामुमकिन होगा ।
भारत में स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा विश्व में निम्न स्तर पर है लॉकडाउन प्रणाली एक मात्र विकल्प है ।
कोरोना अर्थात कोविड-19 वायरस ने अब तक व्यापक मानव क्षति पहुंचाई है । पूरी दुनिया में अब तक लगभग 3000000 लोग कोरोना के संक्रमण जाल में फँस चुके हैं ।
लगभग डेढ़ लाख से अधिक बेगुनाह मौत की नींद सो चुके हैं । मौत भी ऐसी नसीब हुई कि मरने वाले के परिवार के अंतिम दर्शन भी ना हो सकी ।
इसके फैलने की प्रकृति के आधार पर विशेषज्ञ सामाजिक दूरी बनाने के सुझाव दिए हैं । ऐसी गाइडलाइन को मानते हुए समस्त देश लॉकडाउन की पॉलिसी को चला रहे हैं, जब तक कि कोई कारगर इलाज प्रणाली विकसित ना हो जाये ।
वर्तमान में अमेरिका कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है, यहां खड़े हो 1000000 लोग संक्रमित हैं इसके अलावा 50,000 के करीब दुनिया को अलविदा कह चुके हैं । इसके अलावा जर्मनी रूस इटली स्पेन ईरान और भारत भी इसके संक्रामक रडार पर है । राहत की बात यह है कि 1 अरब से अधिक संख्या वाला देश भारत मैं संक्रमण के मामले अपेक्षाकृत कम है इसका मुख्य कारण लॉकडाउन प्रणाली को समय रहते हैं लागू करना है ।
ऐसे में जरा सी भी लापरवाही व्यापक आबादी को संक्रमित कर सकता है, तब यहां संभालना नामुमकिन होगा ।
भारत में स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा विश्व में निम्न स्तर पर है लॉकडाउन प्रणाली एक मात्र विकल्प है ।